पशु-पक्षी भी आनंद विभोर होते, और ठण्ड के प्रकोप से बचते। पशु-पक्षी भी आनंद विभोर होते, और ठण्ड के प्रकोप से बचते।
शीत अपने चरम पर है पर आज बसंत याद आ रहा है । शीत अपने चरम पर है पर आज बसंत याद आ रहा है ।
काले काले मेघा तू ऐसे कैसे बरसा तन तो मेरा भीग गया मन अभी भी प्यासा, काले काले मेघा तू ऐसे कैसे बरसा तन तो मेरा भीग गया मन अभी भी प्यासा,
पूर्ण कर अरमान, नूतन साल आया। जाग रे इंसान, नूतन साल आया। ख़ुशबुओं से तर हुईं बहती पूर्ण कर अरमान, नूतन साल आया। जाग रे इंसान, नूतन साल आया। ख़ुशबुओं से ...
मैं काँपने लगा और गिड़गिड़ाया, जब ठंडा पानी अपने ऊपर गिराया , मैं काँपने लगा और गिड़गिड़ाया, जब ठंडा पानी अपने ऊपर गिराया ,
जिसे हम भूले थे वह बरसों बाद आया! जिसे हम भूले थे वह बरसों बाद आया!